
जी-20 सम्मेलन के लिए आए डेलीगेट्स बुधवार को परमार्थ निकेतन आश्रम में सांध्यकालीन गंगा आरती में शामिल हुए। गंगा की आलौकिक खूबसूरती को देखकर विदेशी मेहमान अभिभूत हो गए और इस मनोरम दृश्य को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद किया। कई मेहमानों ने आरती का लाइव प्रसारण भी किया। आरती के दौरान आश्रम के ऋषिकुमार आकर्षण का केंद्र रहे।
आरती से पहले ऋषिकुमारों ने वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद ध्वनि के साथ डेलीगेट्स का भव्य स्वागत किया। सभी मेहमानों को मोगरा के फूलों की माला और पगड़ी पहनाई गई। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग पगड़ी थी।
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शिव स्तुति करपूर गौरमं करुणावतारम…., से गंगा आरती का शुभारंभ हुआ। गंगा आरती करने के बाद विदेशी मेहमानों ने हाथों में रुद्राक्ष का पौधा लेकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। ध्यान की मुद्रा में सभी ने मां गंगा से पर्यावरण की रक्षा करने की प्रार्थना की। अस्तो मां ज्योर्तिंगमय… के साथ आरती का विधिवत समापन हुआ।
इस दौरान ग्रुप फोटो भी क्लिक किया गया, जिसमें भारतीय और पाश्चात्य सभ्यता का समागम दिखा। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, कैबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, साध्वी भगवती सरस्वती आदि शामिल थे।
परमार्थ निकेतन गंगा घाट पर रंग बिरंगी लाइटें आकर्षण का केंद्र रहीं। आरती स्थल पर लगी फोकस लाइटों ने गंगा की खूबसूरती को और बढ़ा दिया। एक के बाद एक विभिन्न प्रकार की लाइटों ने आरती स्थल पर चमक बिखेर दिया।
परमार्थ निकेतन की ओर से डेलीगेट्स को आश्रम की ओर से उत्तराखंड की जैविक हल्दी, रुद्राक्ष का पौधा और आश्रम की कुछ आध्यात्मिक पुस्तिकाएं भेंट किए गए। इसके अलावा मेहमानों को गांधीजी के संदेशों की पुस्तिका भी दी गई।
आश्रम प्रबंधन ने बताया कि गांधी जी ने प्रकृति को लेकर जितने भी संदेश दिए, उनका संकलन कर एक पुस्तिका बनाई गई थी जो डेलीगेट्स को दी गई। गंगा आरती के बाद सभी डेलीगेट्स को पर्यावरण संरक्षण, हरित व सतत टिकाऊ विकास का संकल्प भी दिलाया गया। गंगा आरती स्थल पर सभी ने दो मिनट का ध्यान योग भी किया।