काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पंडित दीपक मालवीय ने बताया है कि चैत्र नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिनों की होगी। इस बार तीन सर्वार्थ सिद्धि, तीन सूर्य योग, दो अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है।

शक्ति की भगवान का महापर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होगा। माता की आराधना के साथ नवसंवत्सर की भी शुरुआत होगी। इस बार नवरात्र में चार योग का महासंयोग बन रहा है। व्रत और पूजन के लिए नौ दिन होंगे। इस बार माता का आगमन नौका और प्रस्थान डोले पर होगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि चैत्र नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिनों की होगी। इस बार तीन सर्वार्थ सिद्धि, तीन सूर्य योग, दो अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 23, 27 और 30 मार्च को बदलेगा। अमृत सिद्धि योग 27 व 30 मार्च को और सूर्य योग 24, 26 व 29 मार्च को बदलेगा। नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी पर गुरु पुष्य योग का महासंयोग बन रहा है।
नौ दुर्गा के साथ गौरी पूजन का विधान
काशी में चैत्र नवरात्रि पर नौ दुर्गा के साथ ही नौ गौरियों की पूजा का विधान है। 22 मार्च को प्रथम शैलपुत्री की पूजा के साथ ही घट की स्थापना होगी। 30 मार्च को महागौरी की पूजा के साथ ही राम नवमी भी मनाई जाएगी।

31 मार्च को होगा पारण
नवरात्रि का पर्व 31 मार्च को होगा। दुर्गा सप्तशती के अनुसार नवरात्र बुधवार से शुरू हो रहा है। ऐसे में माता का आगमन नौका पर होगा जो परिणाम, धनधान्य और विकास के लिए काफी लाभदायक रहेगा।
इस नवरात्रि इस मंत्र का करे जाप जीवन रहेगा खुशाल
1.सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
2.या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।